रोहतासगढ़ क़िला
भारत ही नहीं पुरे विश्व के विशालतम क़िलों में से एक रोहतासगढ़ २६ मील की परिधि में फैला हुवा है। सतयुगी सूर्यवंशी राजा सत्यहरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व द्वारा स्थापित रोहतासगढ़ के नाम पर इस क्षेत्र का नामकरण रोहतास किया गया। प्राचीन समय से ही रोहतास पहाड़ी पर जाने के लिए चारों दिशाओं में केवल चार मार्ग रहे हैं, जिन्हें घाट कहा जाता है। इन घाटों (मार्गों ) से दुश्मन आसानी से ऊपर न आने पाए तथा पहरेदारी होती रहे, इस कारण यहाँ दरवाज़े बनाये गए हैं। ये हैं :- पूरब में मेंडारा (मेढ़ा) घाट, पश्चिम में कठौतिया घाट, उत्तर में घोड़ा घाट और दक्षिण में राजघाट। रोहतासगढ़ में रोहितासन या चौरासन सीढ़ी मंदिर, पार्वती मंदिर, कठौतिया घाट, सिंह दरवाज़ा, लाल दरवाज़ा, ग़ाज़ी दरवाज़ा, राजभवन या महल सराय, क़िलेदार महल, पंच महल, हथियापोल, फूल महल, बारादरी, राजा का महल तथा तख़्तपादशाही , ख़ानबाग और ज़नाना महल, रानी का महल, नाच घर, शेरशाही मस्ज़िद,हब्स ख़ाँ का मकबरा, हब्स ख़ाँ की मस्ज़िद और मदरसा, गणेश मंदिर, शाकी सुल्तान का मक़बरा आदि दर्शनीय हैं.
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
निकटतम हवाई अड्डे - पटना, गया एवं वाराणसी.
ट्रेन द्वारा
निकटतम रेलवे स्टेशन - सासाराम.
सड़क के द्वारा
पुरानी जी.टी रोड पर अवस्थित है. पटना, आरा, दिल्ली, कोलकाता, रांची इत्यादी से जुड़ा है.