शेरगढ़ का क़िला
सासाराम में २० मील दक्षिण-पश्चिम में लगभग ८०० फीट ऊँची कैमूर श्रृंखला की एक पहाड़ी पर छः वर्ग मील क्षेत्रफल में स्थित है शेरगढ़। अभेद्य विशाल प्राचीर के ऊपर विशाल और भव्य सिंहद्वार बना हुआ है। इसका प्रचीन नाम भुरकुंडा था, जहाँ खरवार राजा रहा करते थे। हसन ख़ाँ सूर को जब सहसराम की जागीर मिली, तब यह किला सूरियों की सिमा में आ गया। बाद में इसके साथ शेरशाह का नाम जुड़ा। नीचे से पहाड़ी को बाँधे क़िले का खड़ा विशाल प्राचीर दिखाई पड़ता है। सामने दूसरी पहाड़ी है। बीच में दुर्गावती नदी कलकल करती बह रही है। उत्तर में घाटियाँ, पहाड़ियाँ, हरियाली और दुर्गावती जलाशय परियोजना का सुरम्य दृश्य दिखाई पड़ता है।यहाँ घाटी की अनुपम छटा है। शेरगढ़ में अभी भी रानी पोखरा, रक्षकों के दालान, भूमिगत गोलाकार कुँआ, ज़नाना महल या दीवान-ए-ख़ास, कई भूमिगत कमरे मौजूद हैं।
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
निकटतम हवाई अड्डे - पटना, गया एवं वाराणसी.
ट्रेन द्वारा
निकटतम रेलवे स्टेशन - सासाराम.
सड़क के द्वारा
पुरानी जी.टी रोड पर अवस्थित है. पटना, आरा, दिल्ली, कोलकाता, रांची इत्यादी से जुड़ा है.